Wednesday, February 3, 2010

गोरि मम देसि लुनद



थिस इस रहुल फ़रोम रनचि।
एक बर हुम अपने एक दोसत के सथ रिशिकेश गये। वहन बहुत से फ़ोरेगन के लोग भि अते हैन। कफ़ि तदद मे योग और भोग का असलि अननद लेने। गोरि चमदि का अपना हि अलग अकरशन है और जो मज़ा गोरि मेम कि चुदै मे है वो और कहन। ज़रा सा सोच कर हि लुनद नग कि तरह फुनकरने लगता है। कब गोरि मेम कि गुलबि चुत के बिल मे सर्रर्रर्र से लुनद घुस कर अपना थिकना बनये और उपर हथोन से मोते-मोते गोरे-गोरे बूबस (चुचियन) दबयेन, उनपर उभरे लिघत बरोवन सोलौर के निप्पलेस अलग हि सुख देते हैन। उनकि गोरि गनद भि लुनद के सुपरे को एक विशेश निमनतरन देति है। गनद के उपर ज़बन फेरने से और उनकि सफ़ गुलबि चुत का रुस चतने से हि हुम देसि लुनद वलोन को जन्नत के दरशन होते हैन।
यहन कला, 6 इनच लुमबा, तीन उनगल मोता सिरसुमसिसेद लुनद, उपर खिला हुअ गुलबि गोल सुपदा जो भगवन कि करिपा से बस कला होने से बचा रेहता है हुम हिनदुसतनियोन का , देसि कलि चुत के दरशन पते हि चोदने को मतवला हो जता है पर जब बात गोरि मेम कि चुत का भोग लगने कि हो तो उनकि नरम, मुलयम, सिलक सि चिकनि, होनेय से मिथि, और पव कि तरह से फुलि हुइ बुर को चोदने के लिये देसि लुनद का फदफदा के मचल उथना वजिब है। हुम भि एक अनगरेज़ गोरि मेम कि बुर कि गेहरै नपने के लिये उतवले थेय। अपने लौदे के फ़ूत से उस चूत कि गेहरै, लमबै और उसके पुरे अरेअ मे अपना लौदा एक शेर सा घुमने के लिये हुम उतवले थेय।
कै बलुए फ़िलमस मे देखा था कि कैसे वहन के गोरे उन गोरि मेमो कि चुत कि फनके फैला कर उनकि चुत के अनदर अपनि ज़बन से लप लप कर चुत के सिनघरे को अपने होनतो मे कैद कर चुस कर उसको अपनि होनतो मे दबा कर खीनचते हैन और उनकि चुत कि खुजलि को शनत करते हैन। इस करिया मे सथ सथ वो अपनि दो उनगलियन नीचे बुर के गुलबि चेद मे भि घुसेद कर अनदर बहर भि करते हैन।
कुतच लोग तो विबरतोरस, दिलिदोस ओर यहन तक केला (बनना), बरिनजल (बैगन) भि बुर मे दल कर चोदते हैन तकि बद मे लुनद जा कर उन मेमो को पुरा अरम दे सके। गोरि मेम भि बहुत मज़ा देति हैन अपने परतनेर को जब वो अपना मुह कोल कर उनका लुमबा लौदा अपने मुह मे लेकर अनदर-बहर कर अपनि थूक गिरा कर उसे चोदने लयक बना कर चिकना कर चुत मे दलवने लयक बनति हैन तो सच, मज़ा दुगना हो जता है। कैसे उनका लुनद अपने मुह मे अगे-पीचे सर-सर लेति हैन। जब तक लुनद पुरा अकद कर घमनद से तन नहिन जता लुनद का मुह मे अना-जना चलु रेहता है, लुनद का सुपदा अपनि ज़बन से चत कर और भि मसत कर देति हैन।
मैने भि एक गोरि मेम को अपने देसि लुनद के रोसकेत पर सैर करवने कि सोचि। मैने सोचा कयोन ना मैं भि एक बर किसि गोरि मेम कि गनद मरुन? कयोन ना उसकि चुत का दरशन किया जये और देखा जये तुलना करके कि गोरि मेम कि चुत, गनद, और बदे-बदे बूबस (चुचियन) कया वकै देसि गोरियोन से ज़दा मीथे होते हैन? और सेक्स कि उनकि कनोवलेदगे और मज़ा देने कि तकत कया देसि इनदिअन मसला औनतिएस, हौसेविवेस और ऐसे हि सेक्स करवनेवलि सभि देसि मुरगियोन से ज़दा होति है?
यहि सोचकर, रिशिकेश के मरकेत मे घुमते हुए मेरि नज़र एक मसत, अलहद, जवन खुबसुरत अनगरेज़ि मेम पर पदि। वो उपर त-शिरत पेहने थि जो लल रनग कि थि जिसमे कैद उसकि बदि-बदि चुचियन हिल हिल कर मुझे अपने पस अने का निमनतरन दे रहि थि। सथ हि उन चुचियोन कि उथव और सेक्सी धल पीचे पहदो से बहुत मिल रहा था मन करता था कि इसकि चुचि जैसे पहद पर हि मौनतैनीरिनग कर दो। उसके चुतर भि जेअनस के अनदर कफ़ि तिघत और फुले हुए थेय। गनद मसत मसल थि और जनघे दोनो उफ़्फ़ कया केहना दोसतोन।
मैने उसके पस जकर कहा-नमसते। वो बहुत हि खुश हुइ और बोलि- नमसते। उसका जवब पकर मन परसन हुअ कि चलो रेसपोनसे तो मिला मतलब अधा कम हो गया और लिने का पेहले सिगनल सलेअर हुअ। उस्से बत करते करते मैने पुच-वहेरे र उ फ़रोम? अप कहन से आये हैन? उसने कहा-सवेदेन। वोव, मैने थोदि देर एनगलिश मे बत करके उसे हिमलया कि खुबसुरति दिखने के लिये रज़ि किया। हकीकत मे तो मैन उसकि सुदौल जवनि कि खुबसुरति का नज़रा लेना चहता था। वहत इस यौर नमे? शे सैद-अन्ना।
मैने अन्ना को अपने सथ लिया और समने एक पहद कि तरफ़ उपर चधने लगा। वो मेरे सथ बतेन करति चलने लगि। मैने उसको थोदा उपर जुनगले मे जकर कहा- होनेय, कया आप इनदिअन सेक्स का मज़ा लेना चहेनगि। एक देसि लुनद को कया अप अपनि चुत कि सैर करवयेनगि? येह बत मैने उस्से अनगरेज़ि मे पुचि। मुझे पता था कि बहर कि गोरि मेम भि हुम हिनदुसतनियोन के कले भुजनग लुनद को कफ़ि मसत हो कर निहरति हैन और बदि अतुरता से उस कले देसि लुनद को अपनि बुर मे घुसवने के लिये बेतब रेहति हैन। देसि लौदा अगर पुरा तना, खिला हो तो उसके गुलबि पिनग-पोनग के बल्ल सा सुपदा और आस-पास उगि हुइ कलि घुनगरलि लमबि झनते जो नज़रा पैदा करति हैन वो अनगरेज़ गोरि मेम कि चिकनि, झनतो रहित सपत चुत के खुले दरवज़े जैसा हि अननद लति हैन इतना कि लुनद खदा होकर चिप-चिप पनि चोद देता है।
फिर चुत को चोदने कि कला भि हुम देसि हिनदुसतनियोन को बहुत अचि तरह अति है कि कैसे पेहले मेम (औरत) को उसकि चुचियोन का मरदन कर गरम करना है, इसके बद उसके निप्पलेस को मुह मे बस्सहो सा लेकर खुब देर तक पीना है और सथ हि दूसरे निप्पलेस को चुतकि मे मसलना है धीरे धीरे तकि वो गरम हो सके। सथ हि हुम देसि लुनद वले एक हथ को फ़री रख नीचे चुत के दरवज़े पर अपने पयर का एहसस भि करवते जते हैन। ज़रा सोचिये, आप लेते हैन और अपके सथ बगल मे ननगि गोरि मेम लेति हो जो बदन से खिलि हुइ एकदम गोरि हो, सफ़ेद मलै सि कि मज़ा अ जये। आअप भि अपने ननगे जिसम पर गोरि मेम का सपरश पकर अपने लुनद मे एक तनव मेहसूस करने लगे और आप अरम से उसके दोनो बूबस को बरि बरि मरदन कर रहे होन। एक हथ उसके सिर के नीचे से दलकर उसकि रिघत चुचि दबै और उसका सथ पकर उसकि लेफ़त निप्पलेस को मुह मे दबया। अपने फ़री लेफ़त हनद को मैने उसकि चूत पर उपर से नीचे रगद कर चिकना करना शुरु किया। मेरि दोनो उनगलियन उसकि चुत के सिनघरोन को फैला कर रगद रहे थेय।
गोरि मेम कि चुत चिकनि हो रहि थि और मैं उसके निप्पलेस और बूबस चोद हि नहि रहा था। 20 मिनुते बद मुझे उसकि चुत को चतने का खयल अया। नीचे लेत कर मैने अरम से उसकि गोरि मलैदर चुत पर अपने थूक का लेप लगया और मज़े से उसकि चूत को लप लप कर चतने लगा। उसकि बुर कि भीनि-भीनि खुशबू बहुत नशा चधा रहि थि। औरत के चुत से अति पेशब कि भीनि मेहक मरद को देवना कर देति है और मधोशि इतनि चध जति है कि मरद उस चुत कि भीनि खुशबू को पने कि खतिर शदि जैसे झनतु बनधन मे बनध जता है कि हर रत चुत कि खुशबू उसके जीवन को मेहका सके और उसके लुनद को हर रात खिला कर बदा कर सके। मैने भि उस मेम कि गोरि चुत को कस कर चता और फिर उस मेम को अपने कले लुनद को चतने के लिये अमनत्रित किया। अन्ना ने मेरे कले लौदे को बहुत अरम से पकदा पुरि मज़बुति से और फिर अपनि ज़बन निकल कर लमबि सनस लेते हुएय समुचे लुनद को अपने मुह मे निगल लिया।
वो मेरे लुनद को अपने मुह मे लेति जति और मैने उसकि चुचियोन को दबना और मलना जरि रखा जैसे कोइ बस्सहा अपने खिलोने से खेलता है। लुनद कफ़ि कदक हो चुक्का था। उसकि जीभ लुनद के सुपदे को जैसे हि चुति तो एक सुर्रेनत सा बदन मे दौद जता। खदा लुनद मुझे भि बहुत अचा लग रहा था। मैने उसकि दोनो चुचियोन को पकदा और फिर अपने लुनद से उसकि दोनो बदि-बदि गोरि चुचियोन के बीच फ़ुसक करना शुरु किया। अन्ना मेरे लुनद के अगे-पीचे उसके चुचि मे अने-जने से कफ़ि उतसहित थि। वो अपनि ज़बन निकल कर मेरे लुनद के सुपदे को अपने मुह के करिब अने से ज़बन निकल कर चत लेति। दोनो चुचियोन के बीच लुनद का उसके मुह तक का सुहना सेक्सी सफ़र जरि रहा अगले तीन चर मिनुते तक।
इसके बद मैने अन्ना को उपर अपनि गोद मे उथया और लुनद के मुहने पर उसके चुतर का दबव दला जिस्से उसकि चुत के दोनो गुलबि फनक पल मे फैल गये और मेरा तना लौदा उसकि नरम, गरम मखमलि चुत मे अनदर समा गया। मैने अपने हथोन से उसको उपर उथा रखा था तकि लुनद दलने मे असनि रहे। उसके हवा मे उपर रेहने से लुनद नीचे से गरम चुत कि सैर अचे से करने लगा। घप-चप गप-गप लुनद पुरि मसति मे चुत को दना-दन चोद रहा था और अन्ना को भि देसि लुनद के झतके और गेहरे धक्के बहुत भा रहे थेय। जलदि मैने उसको नीचे लिता कर उसकि दोनो जनघो को फैला दिया और खुद चुत के समने खदा होकर दोनो जनघो को नीचे से हथ मे भरकर दूर कर सीधा लुनद कि एनत्री भका-भक कि। पुरे भर से लुनद को पुरि तकत और जोश के सथ चुत के भोग करवये तकि लुनद कि तमन्ना पुरि हो सके कि एक अनगरेज़ मेम कि चुदै का सुख मिल सके।
चोदने के सथ मैने बरा बर अन्ना को अनखो पर, गल, नेसक और चुचियोन पर किस्सेस किये तकि मेरे लुनद के हर धके के पुरा मज़ा उसको मिल सके, मेरि चोदने कि सपीद बध गये थि और मैं अपनि मनज़िल के करिब अ गया था। मैने अन्ना को बतया कि सततिओन अने वला है। अन्ना ने झत से मेरे लुनद को अपनि चुत से निकल कर अपने मुह से ज़बन निकल कर उसके उपर रगदना शुरु किया तकि मेरा निकलने वला गरम मखन अपनि ज़बन पर ले सके। वैसा हि हुअ अन्ना ने सरा मक्कहन अपनि मुह मे भर लिया और पे गये जैसे उसको असलि इनदिअन अमरित मिल गया हो।

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