Saturday, January 23, 2010

फिर तेरी याद आयी..


Hi everybody, incident बताने ने से पहेलय मैन खुद का introduction आप से करना पसनद करुनगा।

I am pavan muni .मैन science graduate हून।

कोइए इनसिदेनत बतने के पहेलय उसका सुर्रौनदिनग सितुअतिओन बतना ज़रुरि होता हैन नहीन तो समजने मय तकलिफ़ होता हैन।

तो येह उस वकत का का बात हैन जब मैन अपना(+2)एक्सम पस्स करके सोल्लेगे मय दखिल हो चुक्का था।हुम एक्क किरै के घर मय रहेतय थेय जो मेरा मौसा का था। हुमरा खुद का मकन तबतक तैयर नहीन हुअ था। हुमलोग(मैन,पपा,मा) 2नद फ़लूर मय रहेते थय ओर मौसा 4थ फ़लूर मैन।मौसा के साथ हमरा करीब का रिसता था।मेरे मौसा कि बेति रुपा मुझसे 2 साल कि चोति थि ओर उसके साथ मेरा तलमिल अस्सहा था।वोह मेरा बहेन भि थि ओर दोसत भि थि।मैन उसेय मेरा दिल का हरेक्क बात बतता था ओर वोह मेरि हर एक्क बात धयन के सथ सुनति थि।पिनकी रुपा कि करीब कि सहेलि थि(बेसतफ़रिएनद)जो रुपा कि साथ एक्कहि सलस्स मैन परति थि।पिनकी बहुत खुबसुरत थि येह तो मैन नहीन कहुनगा लकिन उस्स मय ऐसि कुच बात थि जो मेरे दिल को चु जता था।सचूल से लौत ने के 1यह 2 घनता(हौर)बद पिनकी रोज़ रुपा से मिलनय हमरे अपरतमेनत मय आति थि।कयुन कि रुपा कि साथ मेरा रिसता बहुत अस्सहा था इस लियेह कभि कभि मैन,रुपा और पिनकी एक्क सथ मिलके गप्पेय(गोस्सिप) मरते थय,कभि कभि मैन उन 2दोनो कि सथ सिनेमा भि देखने जता था।

इतना सब कुच होने कि बद भि मैन पिनकी के सथ खुलके बत नहीन कर पता था।धेरय धेरय मुझे महेसुस होने लगा था कि मैन उसे पयर करने लगा हु।मेरे दिल के बात पिनकी को बतने के पहेलय मैन रुपा से पूच लेना ज़रुरि समझा इस्स लियेह एक्कदिन मैन दिल का बात रुपा को बतया।रुपा पहेलय सुन के हस परि ओर मुझे बोलि येह बहुत आचि बात हैन।उस्स से मुझे पता चला कि पिनकी भि मेरे बरे मय रुपा से पुचतच करति हैन।रुपा ने मुझे खुद जकर पयर का इशर करने का सलह दि।
उस्स ने मुझे बतयि कि येह कम वहो भि कर सकति हैन लकिन अगर मैन खुद जकर पिनकी को बतौनगा तो उसका इमपसत ज़दा आचा होगा।

रुपा कि सलह कि मुतबिक मैन एक्क दिन पुरा हिम्मत जुतकर हमरे अपरतमेनत कि निचे जके खरा हो गया ओर पिनकी कि आने कि इनतेज़र करने लगा,लकिन जैसे हि मैन पिनकी को देखा तो मेरा ज़ुबन सुखजने लगा,पसिना बहर अने लगा।जब वहो मेरा बिलकुल करीब आचुकि थि तब मेरा दिल का धदकन भि तेज़ होने लगा।पिनकी ने मुझे देखकर हसि ओर निचे खरा रहेने का वजा पूचि।मुझे मलुम था कि येह मेरे लियेह पयार का इशर करने का सुनहेरा मौका हैन लकिन मैन अनदेर से इतना तेनसेद था कि मैन वोह मौका हत से गवा दियह।उस्स के सवल कि जवब मय मैने उसेय बतया कि मेरा एक्क दोसत अनेवला हैन ओर मैन उसका इनतेज़र मय निचे खरा हु।मैन येह बत इतना हकलकर बोला कि पिनकी हस दि।मैन उस-से आख मिला कर बत भि नहीन कर पा रहा था।

बद मय जब मैन रुपा को येह बात बतया तो वहो बोलि कि उस्से येह पता हैन पिनकी ने उस्से येह बात खुद बतयि।मेरा येह बेहल देख कर रुपा ने फिर से त्री मरने कि सलह दि।

देखते देखते 3 महिना गुज़र गया लकिन मैन हिम्मत नहेन जुता पया ।इसि दौरन हमरा खुद का मकन पुरा तैयर हो चुक्का था। हुमलोग नयेह घर मय जनेने के तैयरि कर रहे थे।एक्क रबिबर मैन ,मा,रुपा,मौसा ओर मौसि मिलकर कुच घर का समन ओर कुच गरिहोपरबेश का समन लेकर नया घर मेय गया ।पपा हर रबिबर ददा,ददि,चचा,चचि से मलने के लियेह गओवन(विल्लगे)जता था इस्स लियेह वहो हमरे साथ नहीन आ पयी।उस्स रबिबर मेरे घर मय दोपयेर को मेरा एक्क दोसत आनेवला था इस्स लियेह मैन समन नयी घर मैन रख कर जलदि हि उहा से निकल गया।रासते मय मेरे मान मय एक्क खयल आया।कयुनकि रुपा ओर मौसि दोनो कि हमरे साथ हमरे नयेह मकन मय जने कि बात सुबह हि थिक हुअ तो इस्स लियेह येह बात पिनकी को ज़रूर पता नहीन होगि ओर हरदिन कि तरह वहो आजभि रुपा से मिलने आयेगि।इस्स बर मौका हाथ से नहीन गवहनेह कि सौगनध खकर मैन ने दोसत कि घर मय फोने करके उसे बतयह कि मैन एक्क ज़रुरि कम के वजा से हमरे नयी मकन मय जौनगा ओर उसेय सोमबर अने कि लियेह बोल दियह।

घर पौच ते हि मैन मेरे तरफ़ आने वला मौका के बरेह मय सोच कर खुद को कफ़ि रोमनचित महेसुस किया। मौका पर खरे उतरने ने के लियेह इशर करने का अलग अलग धनग से खुद को तैयर भि करने लगा।लकिन जैसे हि पिनकी कि आने कि वकत नज़दिक आने लगा मैन सोनफ़िदेनत होने कि जगह सोनफ़ुसे होने लगा।
इस्सि वकत किसि कि उपर आने का अवज़ सुनकर मैन दरवजह कि एयेहोले मय जकर आख रखा ओर देखा कि पिनकी रुपा से मिलने के लियेह उपर जा रहि हैन।जैसे हि वोह उपर चलि गयी मैन दरवजह खुलकर उस्सकि लौत ने कि इनतेज़र करने लगा।
कुच पल बद जब वोह निचय उतर रहीन थि तब मुझे देख कर वोह रुपा के बरे मय पुचि तो उस्स के सवल के जवब मय मैन ने उस्सेय बोला कि रुपा हमरे नयी घर मय मेरे मा ओर उसकि मा ओर पपा के साथ गयि हैन।जैसे हि पिनकी पिचय मुरकर लौत जने के लियेह उतर ना सुरु कियह तो मैन ने पिचय से पिनकी को पुकरा ओर उस्सेय हमरे घर मय बैथ कर रुपा कि इनतेज़र करने के लियेह बोला।पहेलय तो वोह ना कर रहि थि लकिन जैसे हि मैन थोरा ज़ोर कियह तो उस्सने हमरे घर मय आने कि बात पर रज़ि गो गये।

घर मय घुस ने बद मैन ने उस्सेय सोफ़ा मय बैथ ने के लियेह बोला,और मैन खुद भि जके सोफ़ा मय बैथ गियह।पहेलय तो कुच वकत के लियेह हुमदोनो कि बिच कुच बतचित नहीन हुइ,वहो भि खमोश थि और मैन भि खमोश था।इस्सि दौरन पिनकी ने मुझ से पोचा कि मैन इतना खमोश कयुन बैथा हु।इस सवल कि जवब मय मैन उस्सेय कुच भि नहीन बता पया।
कुच देर बद वोह मुझसे पिने का पनि मनगि तो मैन ने उथ कर पनि लने के गया ओर जते जते मेरे मन मे एक्क खयल आया कि पिने कि बद जब वोह गलस्स वपिस करेगि तब मैन उस्सका हाथ पकर कर पयार का इशर करुनगा।पलन कि मुतबिक पनि पिने के बद जैसे हि पिनकी गलस्स वपिस करने के लियेह आपनि हाथ आगेय बरै मैन ने उस्सका हाथ पकर लियह ओर उस्से मेरा पयार का इशर कर दियह। ओर्र इसके बद हमरे बिच का बतचित कुच इस्सतरह का हुअ।

मैन: पिनकी मैन तुम से पयार करत अ हु। कया तुम मुझ से पयार करति हो?
पिनकी:पता नहीन
मैन: देखो तुम कुच तो बोलो,तुम तो मुझे जनति हो,इस्स लियेह
हा येह ना जो भि कहेना हैन पलेअसे आज हि बता दो।

येह बात सुनकर वहो कुच देर तक खमोश रहि ओर उस्सके बद वहो मेरे बात को मन लि और मुझे बतयह कि वहो भि मुझसे पयार करति हैन।
उसके बद मैन ने उसे आपने बहोन मे भर लिया और उसकि होतोन को चुमने लगा।5मिनित तक हुम एक्क दुसरे को जोश के सथ चुमते रहेन फिर मुझे खयल अया कि हमरा रूम का खिरकि खुला हैन और इस्स लियेह मैन पिनकी को लेकर मेरा बेदरूम मे चला गया।मैन ने उसे बेद पर सुला दिया और मैन खुद उसके बगल मे सो गया।उसके बद मैन उसके सर से लेकर पा तक उसके दरेस्स कि उपर से हि चुमता रहा,और मैने देखा कि ऊ जोर जोर से सस ले रहि थि,तब मैन समझ गया कि ओह भि मेरि तरा गरम हो गयि हैन।लेकिन जैसे हि मेरा नज़र घरि कि तरफ़ गियह तो मुझे खयल आया कि पपा कि लौत ने का वकत हो गया हैन।इस्स लियेह हमरे पयर का सफ़र को बिच मे हि रोकना परा।
उस्स दिन के बद मैन और पिनकी चुप चुप के घुम ने जता था,कभि कभि रुपा भि हमरा सथ जति थि।


please comments me...if you like my real experience

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